A Secret Weapon For shiv chalisa lyricsl

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

लिङ्गाष्टकम्

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

O Lord! I beseech Your assistance and search for your divine blessing at this very moment. Conserve and defend me. Demolish my enemies with Your Trishul. Release me from your torture of evil feelings.

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि Shiv chaisa गिरायउ॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

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